Sunday, September 08 ,2024

Depression Meaning in Hindi- डिप्रेशन क्या होता है, लक्षण, प्रकार, कारण और इसके उपाय।


डिप्रेशन क्या होता है? (Depression Meaning in Hindi)

Depression Meaning in Hindi - यदि उदासी, चिंता, और दुख जैसी भावनाएं कुछ दिनों, हफ्तों, या महीनों तक बनी रहें और मनुष्य अपनी रोज की दिनचर्या को पूरा करने या जारी रखने में असमर्थ महसूस करे, तो यह एक मानसिक रोग का प्रकार है जिसे डिप्रेशन कहा जाता है। हालांकि, जीवन के भिन्न प्रकार के पड़ाव पर मुसीबतों की वजह से चिंतित होना, किसी अपने की दूरी या मौत से दुखी होना, या काम में असफलता से हताशा होना कुछ आम बातें हैं और सभी के जीवन में मौजूद हैं। मगर यह हताशा और निराशा यदि एक दिनचर्या में बदल जाए तो यह एक मानसिक रोग का लक्षण कहलाता है, जिसे दूसरी भाषा में डिप्रेशन कहते हैं।

भारत में डिप्रेशन से पीड़ित मरीज़ों का आंकड़ा लगभग 5 करोड़ है, जो की एक गंभीर समस्या मालूम होती है। पुरूषों की तुलना में महिलाओं में डिप्रेशन ज्यादा पाया जाता है और मानसिक कारणों के अलावा इसके और कई कारण भी हैं, जैसे हार्मोन का असंतुलित होना, गर्भावस्था की मुश्किलें, और मासिक धर्म वगैरह। अधिकतर तौर पे डिप्रेशन का रोग 25 से 45 साल की अवस्था में देखा जाता है, परंतु यह किसी भी अवस्था में और किसी को भी हो सकता है।

यह ज़रूरी है कि डिप्रेशन के मरीज़ का समय रहते इलाज हो अन्यथा इसका अंजाम जानलेवा भी हो सकता है। आत्महत्या के विचार डिप्रेशन के मरीज़ों को आमतौर पे आते हैं और इसी कारण उसे समर्थन और चिकित्सक की आवश्यकता होती है।

डिप्रेशन के क्या लक्षण होते हैं? (Symptoms of Depression in Hindi)

डिप्रेशन को समझने के लिए ये भी ज़रूरी है कि उसके लक्षण क्या हैं, ताकि आप अपने आस पास किसी ऐसे व्यक्ति या अपने परिवार के सदस्य की समय रहते सहायता कर सकें। डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति के लक्षण इस प्रकार हैं:

  • आमतौर पर आत्महत्या का विचार, या आत्महत्या का प्रयास
  • छोटी छोटी बातों पे उत्तेजित होना या क्रोध आना
  • भूख लगना
  • वजन कम होना
  • हर वक्त थकावट महसूस करना
  • ज्यादा नींद आना या बिलकुल आना
  • हर छोटी बात पे चिंता, बेचैनी या तनाव होना
  • एकाग्रता का अभाव होना
  • रोज की दिनचर्या में रुचि लेना
  • सामाजिक होना या सामाजिक मेलजोल में रुचि लेना
  • पसंद के कामों में मन लगना, जिनमें पहले लगता था
  • हर छोटी बात पे चिड़चिड़ापन या हताशा
  • बिना वजह खालीपन, अप्रसन्न होना, और अशांति महसूस करना
  • पाचन क्रिया में समस्या, आदि।

डिप्रेशन कितने प्रकार का होता है? (Types of Depression in Hindi)

डिप्रेशन के प्रकार जानना बेहद महत्वपूर्ण है ताकि इसे बेहतर समझा जा सके। इसके प्रकार नीचे दिए गए हैं:

  • मेजर टाइप डिप्रेशनजब व्यक्ति हर वक्त थका हुआ या कम उर्जावान हो तो यह इस प्रकार के डिप्रेशन का शिकार होता है। ऐसे डिप्रेशन के मरीज़ अधिकतर समय दुखी रहते हैं और उनमें उत्साह की बेहद कमी होती है।
  • अटिपिकल डिप्रेशन - यह एक सामान्य रूप का डिप्रेशन होता है और एक लंबे समय तक चलता है। ऐसे मरीज़ों को आम दिनचर्या पूरी करने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इनमें प्रेरणा की बेहद कमी पाई जाती है जिस वजह से ये काम या जिंदगी में आगे बढ़ना नहीं चाहते।
  • अनधिकृत डिप्रेशनइस डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति की मनोदशा हर वक्त बदलती रहती है। वह बिना वजह ही कभी उत्साहित और कभी उदास होता रहता है।
  • सामान्य डिप्रेशनयह डिप्रेशन सबसे सामान्य और आम है और यह किसी को भी हो सकता है। इस डिप्रेशन से पीड़ित लोगों में अधिकतर तौर पे उर्जा की कमी होती है और वे हर समय उदास, चिंतित, अथवा निराश रहते हैं। इनको ध्यान केंद्रित करने में भी काफी समस्या होती है।
  • पिरियोडिकल डिप्रेशनऐसे डिप्रेशन के मरीज़ को एक लंबे समय तक मुश्किल वक्त निकालना पड़ता है और कुछ समय बाद वह ठीक होता है। इस डिप्रेशन का असर मौसम की तरह बदलता रहता है।

डिप्रेशन कैसे होता है? How does depression happen (Causes of depression in Hindi)

डिप्रेशन होने के भी कई कारण होते हैं जिनकी एक सूची यहां दी गई है:

  • जीवन की मुश्किलेंयदि किसी व्यक्ति को जीवन में ऐसी चुनौतियों या घटनाओं का सामना करना पड़ा है जो अत्यधिक मुश्किल रही हैं, तो मुमकिन है कि उस व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर उसका गहरा असर पड़ा हो। ये मुश्किलें हो सकती हैं जैसे, बचपन में किसी अपने का बिछड़ जाना, माँ बाप का प्यार मिलना, नौकरी में दिक्कत, परिवार संबंधी मुश्किलें, निरंतर संघर्ष, आदि।
  • स्वास्थ्य संबंधी कारणस्वास्थ्य ठीक होना भी डिप्रेशन का बहुत बड़ा कारण है। कुछ रोग भी डिप्रेशन की संभावना बढ़ा सकते हैं जैसे थाइरोइड, अल्जाइमर, स्किजोफ्रेनिया, पार्किंसंस रोग, आदि।
  • आनुवांशिक कारणयदि किसी व्यक्ति के परिवार में डिप्रेशन की बीमारी का इतिहास रहा है तो भी उस व्यक्ति को डिप्रेशन होने की संभावना बढ़ सकती है। ऐसे में ये ज़रूरी है कि समय पे इसको समझ के इसका इलाज कराया जाए।
  • बाहरी समस्याएँकई बार आस पास का वातावरण भी डिप्रेशन के रोग को बढ़ावा दे सकता है।

डिप्रेशन के समय क्या करना चाहिए? (What should be done during depression in Hindi?)

इस बीमारी के समय अपनी देखभाल करना अति आवश्यक है ताकि इसके खतरों से बचा जा सके। नीचे दिए गए सुझाव आपको डिप्रेशन के समय में काम सकते हैं:

  • नियमित आहार और नींद: यह बेहद आवश्यक है कि आप अपने दिनचर्या में नियमित आहार और नींद को शामिल करें। इन दोनों के कारण आप अपनी सेहत और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाके रख सकते हैं।
  • मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल: मानसिक स्वास्थ्य को संभालने के लिए यह ज़रूरी है कि आप एक मानसिक चिकित्सक की सहायता भी लें। एक मानसिक चिकित्सक यह समझने में ज़्यादा लायक होगा कि आपके डिप्रेशन को कैसे कम करना चाहिए। उसकी बताई थैरेपी और दवाइयों को नियमित रूप से लेना आपके लिए लाभदायक हो सकता है।
  • परिवार और मित्रों से संपर्क: अपने परिवार के लोगों एवं मित्रों से बात चीत और मिलना जुलना बनाए रखें। ऐसा करने से आपका मन बहलेगा और नकारात्मक खयाल कम उत्पन्न होंगे।
  • प्रतिदिन व्यायाम एवं योग: अपनी दिनचर्या में व्यायाम और योग को शामिल करना आपके डिप्रेशन के लिए बेहद लाभदायक साबित हो सकता है। योग, ध्यान और सांस लेने का व्यायाम डिप्रेशन को कम करने में सहायता करता है एवं आपको तनाव मुक्त करता है।
  • अपनी रुचियों में विलीन रहना: प्रतिदिन आनंददायक कामों को करने से आपका मन शांत होगा और आपके डिप्रेशन में कमी आएगी। नृत्य, संगीत, और चित्रकारी, या कोई भी और काम आपका मन बहलाने में सक्षम रहता है।

डिप्रेशन और तनाव में क्या फर्क है?  (Difference between Stress and Depression in Hindi)

तनाव एक ऐसी मानसिक स्थिति है जो तब उत्पन्न होती है जब व्यक्ति की सोच के अनुसार कोई चीज़ ना हो पाए जैसे की पसंदीदा नौकरी ना लगना, व्यापार में नुकसान, रिश्तों में अनचाही खटास, पैसों की समस्या, परिवार में समस्या आदि। जब ऐसे कारणों की वजह से हम ज़्यादा सोच विचार करते हैं जिससे हमारा स्वास्थ्य खराब होने लगता है, तो हम तनावग्रस्त कहलाते हैं।

और जब यह स्थिति ज़्यादा लंबे समय तक चलती रहे और शारीरिक एवं मानसिक स्थिति को खराब कर दे तो यह डिप्रेशन में बदल जाती है। डिप्रेशन में व्यक्ति छोटी छोटी बातों पर गुस्सा करता है, उसे नींद नहीं आती, या ज़्यादा आती है, हर वक्त कमजोरी और थकान रहती है, आदि

डिप्रेशन का इलाज क्या है? (Treatment for Depression in Hindi)

डिप्रेशन से मुक्ति के लिए कई सारे इलाज मौजूद हैं जो समय पर अपनाना ज़रूरी है ताकि आपको या आपके जानने वाले डिप्रेशन के मरीज़ को गंभीर समस्याओं का सामना ना करना पड़े। ऐसे कुछ इलाज नीचे दिए गए हैं:

  • ज़्यादा समय अकेले ना बिताएं और अपने आपको किसी ना किसी काम में व्यस्त रखें।
  • हर बात पर ज़्यादा सोच विचार ना करें और परेशान करने वाली बात को किसी अपने से बांटें। इससे आपका मन हल्का हो सकता है।
  • स्वस्थ जीवन का पालन करें जिसमें नियमित आहार, नींद, और व्यायाम शामिल हो।
  • दिक्कत ज़्यादा बढ़ने पर किसी मनोचिकित्सक को दिखाएं और उनके उपदेश के अनुसार थैरेपी करवाएं और दवाइयाँ लें।
  • सामाजिक गतिविधियों का हिस्सा बनें और अपने परिजनों एवं मित्रों से मिलते रहें।
  • योग और ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। ये आपके मन को शांत करेंगी एवं ध्यान केंद्रित करने में सहायता करेंगी।
  • अपनी पसंदीदा चीज़ों को करते रहें जैसे कि घूमना फिरना, फिल्में देखना, और दोस्तों के साथ मिलना जुलना, आदि।

डिप्रेशन से कैसे बचा जा सकता है? (Prevention of Depression in Hindi)

बहुत से उपाय डिप्रेशन से आपको बचाने में कामयाब हो सकते हैं, जैसे कि अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना, नियमित और पौष्टिक आहार खाना, पूरी नींद लेना, व्यायाम और योग करना, सामाजिक मेलजोल रखना, अपने मन की बात अपने करीबी लोगों से बांटना, लिखना, अथवा अत्यधिक चिंता और तनाव ना लेना। ये सभी उपाय आपको सदैव करते रहने की ज़रूरत है ताकि आपको डिप्रेशन जैसी खतरनाक बीमारी का सामना ना करना पड़े।

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निष्कर्ष (Conclusion)

यदि आप या आपके जानने वाला कोई व्यक्ति डिप्रेशन से पीड़ित है, तो देर ना करें और जल्द से जल्द इलाज लें। डिप्रेशन एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जो यदि लंबे समय तक रह जाए तो शरीर एवं मन पे नकारात्मक असर डाल सकती है। इससे जूझ रहे व्यक्ति को अधिकतर तौर पे नकारात्मक एवं आत्महत्या के विचार आते हैं। ऐसे में ऊपर दी गई बातों का ख्याल रखें और अपने स्वास्थ्य को उपायों के सहारे बेहतर बनाने की कोशिश करें।