Thursday, November 21 ,2024

Ovulation Meaning in Hindi: ओवुलेशन पीरियड का अर्थ, लक्षण और महत्व


Ovulation Meaning in Hindi - ओव्यूलेशन की प्रक्रिया में महिला के शरीर में ओवरीज़ से अंडा रिलीज़ होता है और फॉलोपियन ट्यूब में जाता है और यौन संपर्क होने पर पुरुष का स्पर्म उस अंडे को ट्यूब में फर्टिलाइज करता है जिससे महिला को गर्भधारण करने में मदद मिलती है। जिन कपल्स को गर्भावस्था की इच्छा हो उन्हें ओव्यूलेशन के समय ही संपर्क बनाना चाहिए ताकि गर्भावस्था की संभावना बढ़ जाए।

ओव्यूलेशन का होना मासिक धर्म पर निर्भर करता है, तो यदि आपका मासिक धर्म नियमित तौर से हो रहा है तो ओव्यूलेशन के समय में भी बदलाव सकता है। ओव्यूलेशन का समय पर होना लाइफस्टाइल पर भी निर्भर करता है। अनियमित खाना पीना, मोटापा, थायरॉइड, पीसीओएस, आदि होने की वजह से भी ओव्यूलेशन का नियम बिगड़ सकता है। इसलिए अधिकांश रूप में चिकित्सक ओव्यूलेशन को नियमित करने के लिए लाइफस्टाइल बैलेंस करने की सलाह देते हैं।

ओव्यूलेशन क्या होता है? (What is Ovulation Meaning in Hindi)

Ovulation Meaning in Hindi - जब एक महिला के शरीर में ओवरीज़ से एक परिपक्व अंडा रिलीज होकर फॉलोपियन ट्यूब में जाता है तो उस प्रक्रिया को ओव्यूलेशन कहते हैं। यह महिलाओं के मासिक धर्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इससे गर्भधारण करने में सहायता मिलती है। यदि आप गर्भधारण करना चाहती हैं या नहीं चाहती तो दोनों ही स्थिति में ओव्यूलेशन को समझना जरूरी है।

ओव्यूलेशन यह निर्धारित करने में सहायता करता है कि यौन संपर्क से आप गर्भधारण करेंगी कि नहीं। आप अपने शरीर को जितना बेहतर समझेंगी उतना ही आपकी सेहत और ओव्यूलेशन की नियमितता पर असर पड़ेगा। आमतौर पर एलएसएच हार्मोन के बढ़ने के बाद ओव्यूलेशन 28 से 36 घंटे तक चलता है। यह मासिक धर्म के 14वें दिन होता है जब अंडा फॉलोपियन ट्यूब में रिलीज हो चुका होता है।

ओव्यूलेशन कब होता है? (Ovulation Cycle in Hindi)

अक्सर ओव्यूलेशन मासिक धर्म के मध्य में होता है, यानी अगर आपके मासिक धर्म की चक्र की लंबाई 28 दिन है तो आपका ओव्यूलेशन 14वें दिन पर होगा। हालांकि हर महिला के मासिक धर्म की लंबाई अलग-अलग होती है और इससे ओव्यूलेशन का वक्त भी अलग होता है। बेहतर यह है कि आप अपने मासिक धर्म की लंबाई को नोट करके रखें या अपने फोन पर किसी ऐप के सहारे पीरियड और ओव्यूलेशन को ट्रैक करें। ऐसा करने से आपको गर्भावस्था की योजना बनाने में मदद मिलेगी।

ओव्यूलेशन और गर्भावस्था (Ovulation and Pregnancy in Hindi)

ओव्यूलेशन की प्रक्रिया परिपक्व अंडे के अंडाशय में जाने पर होती है और मासिक धर्म के 14वें दिन के आस पास शुरू होती है। हालांकि यह वक्त हर महिला के मासिक धर्म के चक्र की लंबाई पर निर्भर करता है। ओव्यूलेशन के समय यदि पुरुष के शुक्राणु 24 घंटे के अंदर अंडे को फर्टिलाइज कर दे तो गर्भधारण होने की संभावना होती है। फर्टिलाइज होने के 6 दिन बाद अंडा यूट्रस में इम्प्लांट हो जाता है और धीरे-धीरे बढ़ता है। यदि आपके मासिक धर्म के दौरान इम्प्लांटेशन की प्रक्रिया हो जाती है तो आप गर्भवती हो जाती हैं परंतु इसे परीक्षण में सामने आने में थोड़ा समय लगता है। इसका कारण है एचसीजी नामक हार्मोन का रक्त देर से पहचाना जाना। यह हार्मोन गर्भधारण होने के 11 दिन बाद रक्त में दिखाई पड़ता है जिसके बाद गर्भावस्था परीक्षण में सकारात्मक परिणाम सकता है।

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ओव्यूलेशन का पता लगाने के तरीके (Ways to Determine Ovulation in Hindi)

आप ओव्यूलेट कर रही हैं या नहीं, यह पता लगाना गर्भधारण करने के लिए बेहद जरूरी है। इसे पता लगाने के कई तरीके हैं जिनसे आसानी से आप खुद कर सकती हैं।

  • मासिक धर्म रिकॉर्डिंगओव्यूलेशन का सही समय जानने के लिए यह जानना भी जरूरी है कि आपके मासिक धर्म चक्र की लंबाई क्या है। आज के तकनीकी युग में यह रिकॉर्ड रखना बहुत आसान है। आप अपने फोन में किसी ऐप के जरिए अपने मासिक धर्म की तिथि रिकॉर्ड कर सकती हैं और ओव्यूलेशन को ट्रैक कर सकती हैं ताकि आपको गर्भधारण करने में आसानी हो।
  • शरीर का तापमानयह वो तापमान है जो शरीर की आराम की अवस्था में होता है और इसे दूसरे शब्दों में बीबीटी भी कहा जाता है। यह तापमान अक्सर 97.2 से 97.6 के बीच रहता है। लेकिन जैसे ही आपके ओव्यूलेशन का समय नजदीक होता है इस तापमान में गिरावट या बढ़ोतरी होती है। अगर आप कुछ महीनों तक अपने शरीर के तापमान पर नजर रखें और इसे नोट करें तो आपको अपने ओव्यूलेशन के समय का पता चल जाएगा। आप थर्मामीटर का उपयोग करके भी इस तापमान का रिकॉर्ड रख सकती हैं। तापमान में निरंतर बढ़ोतरी ओव्यूलेशन होने का संकेत है।
  • ओव्यूलेशन किटआप फार्मेसी से एक ओव्यूलेशन किट को भी खरीद सकती हैं जो मूत्र परीक्षण के द्वारा आपका एलएच का स्तर माप सकता है। जब आपके एलएच का स्तर चरम पर हो तो उसके 10-12 घंटे बाद ओव्यूलेशन होने की संभावना होती है। आपके अंडे के पूरी तरह से पकने के लिए आपके शरीर का एलएच स्तर 14 से 27 घंटे तक ऊँचा रहता है।
  • फर्टिलिटी मॉनिटरफर्टिलिटी मॉनिटर के जरिए आप यह जानने में मदद ले सकती हैं कि आपके एलएच और एस्ट्रोजेन का स्तर क्या है ताकि आपको गर्भधारण के लिए 5 उपजाऊ दिन मिल सके।

ओव्यूलेशन के लक्षण (Symptoms of Ovulation in Hindi)

हर महिला में ओव्यूलेशन के लक्षण अलग-अलग प्रकार के होते हैं परंतु कुछ लक्षण ऐसे हैं जो सामान्य तौर पर सभी महिलाओं को होते हैं जो कि इस प्रकार हैं:

  • स्तनों में दर्द होना या कोमलता
  • पेट के निचले हिस्से में दर्द
  • कामेच्छा का बढ़ना
  • स्पॉटिंग या डिस्चार्ज
  • सरदर्द
  • मितली
  • शरीर के तापमान या बीबीटी में बदलाव
  • इन्द्रियों का तेज होना
  • गर्भाशय ग्रीवा में बदलाव
  • योनि में सूजन होना
  • चिड़चिड़ापन और थकान
  • वजन में परिवर्तन
  • मूड स्विंग्स होना
  • पेट में सूजन
  • जी मचलना

ओव्यूलेशन के बाद क्या करें?

यदि आप संतानप्राप्ति की कोशिश कर रही हैं तो ओव्यूलेशन के समय यौन संपर्क करना आपको गर्भवती कर सकता है। अपने लक्षणों को पहचानें, या ओव्यूलेशन की और फर्टिलिटी मॉनिटर की सहायता से इस समय के आने का ध्यान रखें और गर्भधारण के लिए इसी समय को चुनें।

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निष्कर्ष (Conclusion)

ओव्यूलेशन महिलाओं के लिए गर्भधारण करने की संभावना को बढ़ाने की एक जरूरी प्रक्रिया है और आमतौर पर मासिक धर्म के चक्र के बीच के समय में होती है। यदि आप गर्भवती होना चाहती हैं तो इस समय के आने का खास ध्यान रखें। इसके लिए आप ओव्यूलेशन किट, फर्टिलिटी मॉनिटर, या शरीर के तापमान के जरिए पता लगा सकती हैं। ओव्यूलेशन होने के वक्त आपको शरीर में कई लक्षणों का भी एहसास हो सकता है जैसे थकान, पेट दर्द, मूड स्विंग्स, जी मचलना, संवेदनशील स्तन, चिड़चिड़ापन, स्पॉटिंग, बेचैनी , सरदर्द, आदि। आपको अपने शरीर में होने वाले बदलाव का ध्यान रखना चाहिए और इसकी पूरी जानकारी भी रखनी चाहिए ताकि आप गर्भधारण करने की प्रक्रिया को पूरा कर सकें।

इसके अलावा, ओव्यूलेशन की और बेहतर जानकारी के लिए आप किसी चिकित्सक से भी मिल सकती हैं। यदि आपको गर्भधारण करने में कोई परेशानी हो रही हो तो भी आप किसी चिकित्सक या फर्टिलिटी एक्सपर्ट से मिलकर सहायता ले सकती हैं। आप इस बात का भी ध्यान रखें कि हर महिला की ओव्यूलेशन की प्रक्रिया अलग होती है और इसके अनेक कारण भी हैं, इसलिए चिकित्सक की सलाह के अनुसार आप इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाएं।

Medically Reviewed By - Dr Priya Agarwal (Gynaecologist Infertility Specialist)