Thursday, November 21 ,2024

PCOD Meaning in Hindi: पीसीओडी का मतलब, कारण, लक्षण और इलाज कैसे करें


PCOD Meaning in Hindi - महिलाओं के शरीर में होने वाले हार्मोन्स के असंतुलन के कारण ओवेरिस में सिस्ट उत्पन्न हो जाते हैं और इस बीमारी को पीसीओडी या पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिसऑर्डर कहते हैं। आजकल के लाइफस्टाइल की वजह से महिलाएं भी पहले से ज्यादा व्यस्त हो गई हैं। इन्हें बाहर और घर दोनों के काम संभालने होते हैं और ऐसे में अपनी सेहत का ख्याल रखना काफी मुश्किल हो जाता है।

चिकित्सकों की सलाह मानें तो अपनी सेहत का ख्याल सबसे पहले आता है, चाहे जितनी भी व्यस्तता हो। अगर सेहत सही रहेगी तभी बाकी काम ठीक से हो पाएंगे। महिलाओं में पीसीओडी की शिकायत काफी आम हो चुकी है और इसका कारण यह ही है कि वे अपनी सेहत को नजरअंदाज करती हैं।

पीसीओडी का क्या मतलब है? (PCOD Meaning in Hindi)

PCOD Meaning in Hindi - पीसीओडी का मतलब है पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिसऑर्डर और यह महिलाओं में होने वाली एक आम बीमारी है। अनियमित दिनचर्या, गलत आहार, अनियमित मासिक धर्म, आदि की वजह से यह परेशानी महिलाओं को हो जाती है। अधिकतर तौर पे यह 14 से 45 साल की लड़कियों और महिलाओं को होती है। इस बीमारी में ओवरी में छोटे छोटे सिस्ट बन जाते हैं जो कि अक्सर हार्मोन के असंतुलन की वजह से होते हैं।

हमारे देश में करीबन 10 प्रतिशत महिलाओं को पीसीओडी की शिकायत रहती है। यह एक बेहद चिंता की बात है और इसका महिलाओं के शरीर पे कई प्रकार से दुष्प्रभाव पड़ता है। पीसीओडी से अक्सर महिलाओं को बाँझपन, एक्ने, वजन बढ़ना, चेहरे पर बाल उगना, नींद की कमी, आदि जैसी परेशानियाँ होती हैं। इस बीमारी का सही समय पर इलाज होना जरूरी है ताकि इसके शरीर पे होने वाले प्रभाव से बचा जा सके।

पीसीओडी के क्या लक्षण होते हैं? (PCOD Symptoms in Hindi)

पीसीओडी के लक्षण हर महिला की शारीरिक स्थिति के हिसाब से अलग अलग होते हैं। इसके कुछ आम लक्षण इस प्रकार हैं:

  • अचानक वजन बढ़ना
  • अचानक वजन कम होना
  • सरदर्द होना
  • नींद आना
  • चेहरे और शरीर के अन्य हिस्सों पे बालों का बढ़ना
  • मुहांसे
  • अनियमित मासिक धर्म
  • बालों का पतला होना
  • पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होना
  • पीरियड्स का बंद हो जाना
  • गर्भधारण करने में मुश्किलें
  • बालों का अधिक झड़ना

पीसीओडी किन कारणों से होता है? (PCOD Causes in Hindi)

पीसीओडी कई कारणों से हो सकता है और हर महिला को यह एक अलग कारण से भी हो सकता है। इसके कुछ कारण निम्नलिखित सूची में दिए गए हैं:

  • एंड्रोजन, जो कि एक पुरुष लिंग हार्मोन है, के अधिक हो जाने से पीसीओडी होने की संभावना होती है।
  • यदि परिवार के इतिहास में पीसीओडी की समस्या रही है तो भी यह एक कारण हो सकता है।
  • किसी प्रकार का जीवाणु या संक्रमण भी ओवेरिस को नुकसान पहुँचा सकता है और पीसीओडी का कारण हो सकता है।
  • शरीर में यदि इंसुलिन की मात्रा बढ़ जाए।
  • सही और नियमित आहार लेने से।
  • मोटापे की वजह से।
  • टेस्टोस्टेरोन लेवल के बढ़ने से।

पीसीओडी से होने वाली परेशानियाँ (Problems caused by PCOD)

यदि पीसीओडी का इलाज सही समय पर कराया जाए तो निम्नलिखित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है:

  • उच्च रक्तचाप
  • मधुमेह का रोग
  • खराब मेटाबोलिज्म
  • हृदय रोग
  • स्लीप एप्निया
  • सांस लेने में दिक्कत
  • यूटरस कैंसर होने का खतरा
  • असामान्य ब्लीडिंग
  • लिवर में सूजन
  • टाइप 2 डायबिटीज

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पीसीओडी का कैसे पता लगाया जाता है? (Ways to Prevent PCOD in Hindi)

पीसीओडी का पता लगाने के लिए कई तरीके हैं और वे इस प्रकार हैं:

  • फिजिकल जांचयह एक चिकित्सक द्वारा कराया जाने वाला निदान है जिससे मरीज का वजन, उच्च रक्तचाप, आदि का आंकलन किया जाता है।
  • रोगी का इतिहासइस तरीके से पीसीओडी का पता लगाने के लिए, चिकित्सक रोगी की आनुवांशिक इतिहास पूछता है जिससे उसके मासिक धर्म और लक्षणों के पैटर्न का पता चल सके।
  • लैब टेस्ट - पीसीओडी को गहराई से समझने के लिए पीसीओडी टेस्ट नाम की जांच भी की जाती है जिसमें मरीज का रक्त नमूना लेकर उसे लैब में टेस्ट किया जाता है।
  • अल्ट्रासाउंडअल्ट्रासाउंड के द्वारा भी पीसीओडी की बीमारी का पता लगाया जा सकता है और इस परीक्षण में ओवेरिस का आकार, और रूप का आंकलन भी किया जा सकता है।

पीसीओडी के उपचार क्या हैं? (Treatments for PCOD in Hindi)

इस बीमारी का जितना जल्दी इलाज कराएं, शरीर के लिए उतना ही लाभदायक होता है। इसे ठीक करने के कई तरीके मौजूद हैं, जो निम्नलिखित हैं:

पीसीओडी के सही इलाज के लिए समय पर टेस्ट्स कराएं और अपने चिकित्सक की सलाह लें। उनके बताए इलाज और दवाइयों को नियमित रूप से लें।

इसके लिए हार्मोन थेरपी भी की जाती है जैसे गर्भवस्था के लिए हार्मोन इंजेक्शन लगवाना।

सर्जरी को पीसीओडी के इलाज में सबसे महत्वपूर्ण और लाभदायक माना जाता है। इस सर्जरी में ओवेरिस में लेजर की सहायता से छोटे छेद किए जाते हैं ताकि ओव्यूलेशन की प्रक्रिया सामान्य हो सके।

अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करना पीसीओडी का सबसे बड़ा इलाज है। यदि आपका वजन जरूरत से ज्यादा है तो उसे कम करने की कोशिश करें अथवा यह पीसीओडी के साथ साथ और कई बीमारियों का कारण बन सकता है।

पीसीओडी से बचने के उपाय (Ways to Prevent PCOD in Hindi)

पीसीओडी से छुटकारा पाने के कई तरीके हैं जो यदि नियमित रूप से अपनाए जाएं तो आपको काफी लाभ हो सकता है। इस बीमारी से होने वाली परेशानियों से यदि आप दूर रहना चाहते हैं तो यहाँ लिखे उपायों का पालन करने की कोशिश करें:

  • अपने रोज के आहार में फल और सब्जी भी शामिल करें। ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जी खाना सेहत के लिए अच्छा होता है और बीमारियाँ दूर रहती हैं।
  • फाइबर को भी अपनी डाइट में शामिल करें जिससे आपका वजन नियंत्रित रहेगा। फाइबर आपके पेट को भरा रखता है और आपको भूख कम लगती है।
  • नट्स जैसे बादाम, अखरोट, आदि खाएं।
  • प्रतिदिन व्यायाम करें।
  • योग और ध्यान भी करें जिससे आपको अनेक शारीरिक और मानसिक लाभ हो सकते हैं।
  • चिकित्सक से संपर्क बनाए रखें और कोई भी पीसीओडी से जुड़ी परेशानी का जल्द से जल्द परीक्षण और इलाज कराएं।
  • चिकित्सक की बताई दवाइयों को नियमित रूप से लें।

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निष्कर्ष (Conclusion)

पीसीओडी या पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिसऑर्डर एक हार्मोन से जुड़ी परेशानी है जो महिलाओं को होती है। इस बीमारी से महिलाओं को शरीर से जुड़ी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है, और उस वजह से मानसिक दिक्कतें भी होती हैं जैसे तनाव, चिंता, डिप्रेशन, आदि। इससे दूर रहने के लिए यह जरूरी है कि महिलाएँ अपनी दिनचर्या में सकारात्मक बदलाव करें और हर कुछ समय में अपनी जांच कराती रहें। सही समय पर बीमारियों से निपटना आपको गंभीर दिक्कतों से बचा सकता है। एक स्वस्थ जीवन के लिए नियम अनुसार खाना पीना, व्यायाम, और चिकित्सा जरूरी है।

Medically Reviewed By - Dr Priya Agarwal (Gynaecologist Specialist)