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Pregnancy Symptoms in Hindi - महिलाओं के जीवन में एक समय पर गर्भावस्था आना एक प्राकृतिक परिस्थिति है। अक्सर गर्भावस्था में महिलाओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, परंतु यह अनुभव हर महिला के लिए अलग होता है। कुछ लक्षण महिलाओं में एक जैसे और एक जैसे समय पर होते हैं, और कुछ अलग समय पर। अनुभव चाहे जैसे भी हो पर इस स्थिति की अपनी एक खूबसूरती है और इसके परिणामस्वरूप महिलाओं में कई अच्छे परिवर्तन भी आते हैं।
शारीरिक तौर से वैसे तो इसमें महिलाओं को कमजोरी, उल्टी, सर चकराना, आदि का सामना करना पड़ता है, और मानसिक तौर पे भी यह स्थिति काफी चुनौती भरी होती है, परंतु अपने परिजनों, मित्र, और चिकित्सक के सहारे, इस स्थिति को आसान बनाया जा सकता है। इस स्थिति में खासतौर से चिकित्सक की सलाह लेते रहना अति आवश्यक है जिससे माँ और बच्चे की सेहत अच्छी बनी रहती है।
Pregnancy Symptoms in Hindi - गर्भावस्था के लक्षण हर औरत में अलग हो सकते हैं और शुरुआती दिनों में लक्षणों का पता लगना भी हर औरत के लिए ज़रूरी नहीं। इस समय हर कुछ हफ्तों में शरीर में कुछ बदलाव होते हैं जिससे कुछ औरतों को ज्यादा और कुछ को कम तकलीफ होती है। यहाँ हम बात करेंगे गर्भावस्था के शुरुआती दिनों के लक्षण और लक्षणों का पता चलने के समय के बारे में।
पहले हफ्ते या महीने में गर्भावस्था के लक्षण (Early Pregnancy Symptoms in Hindi)
हर वक्त कमजोरी: ज़्यादातर समय कमजोरी और थका हुआ महसूस करना गर्भावस्था के सबसे शुरुआती लक्षणों में से एक है। यह अक्सर पहली तिमाही के दौरान होता है। ऐसे में एक गर्भवती पूरी नींद लेने के बावजूद भी थका हुआ महसूस करती है। शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस करना और पोषण की ज़रूरतें बदलना भी गर्भावस्था के लक्षण हैं।
चिड़चिड़ा रहना: गर्भावस्था के दौरान होने वाले हार्मोनल इम्बैलेंस के कारण चिड़चिड़ापन होना एक आम लक्षण है।
गर्भावस्था का पता लगाने के परीक्षण:-
संदेह होने और लक्षणों का अनुभव होने पर आपको घर पर ही मूत्र परीक्षण करके देखना चाहिए। यह परीक्षण मासिक धर्म चूकने के एक हफ्ते बाद करना चाहिए ताकि आपको सही परिणाम पता चले। यदि आप इस परीक्षण को मासिक धर्म चूकने से पहले करती हैं तो परिणाम नकारात्मक आएगा।
इसके अतिरिक्त रक्त परीक्षण भी किया जा सकता है जो कि क्लिनिक में ही कराया जाता है और ओवुलेशन के 6 से 8 महीने बाद ही इसका सकारात्मक परिणाम पता चल सकता है। इस परीक्षण का परिणाम गर्भावस्था के शुरुआत में ही किया जा सकता है।
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गर्भावस्था में आप घरेलू परीक्षण, क्लिनिक में रक्त परीक्षण, और अल्ट्रासाउंड परीक्षण करवा सकती हैं। इनकी सूचना कुछ इस प्रकार है:
गर्भावस्था के समय कई सावधानियाँ लेना ज़रूरी है, क्योंकि माँ का शरीर ऐसे समय में कई परेशानियों से गुजरता है और नाज़ुक होता है। यदि सावधानियाँ ना ली जाएँ तो माँ और बच्चे की सेहत पे गलत असर पड़ सकता है। सावधानियाँ कुछ इस प्रकार हैं:
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निष्कर्ष (Conclusion)
यदि आपका मासिक धर्म चूकता है तो यह गर्भवती होने का प्रमाण नहीं है। अगर आपको गर्भवती होने का कोई संदेह है तो आप ऊपर बताए गए परीक्षण कर सकती हैं जैसे घर पर मूत्र परीक्षण और क्लिनिक में रक्त परीक्षण। इन परीक्षणों को सही समय पे करना ही आवश्यक है जिससे कि इनका सकारात्मक परिणाम मिल सके। इसके अतिरिक्त, कई सावधानियाँ जैसे सही पोषण, डॉक्टर की सलाह, और व्यायाम आदि का करते रहना माँ और बच्चे की सेहत पे सकारात्मक असर डालता है।
Medically Reviewed By - Dr Priya Agarwal (Gynaecologist Specialist)