Sunday, September 08 ,2024

Pregnancy Symptoms in Hindi- जानें गर्भावस्था के पहले हफ्ते में क्या लक्षण दिखाई देते हैं


Pregnancy Symptoms in Hindi - महिलाओं के जीवन में एक समय पर गर्भावस्था आना एक प्राकृतिक परिस्थिति है। अक्सर गर्भावस्था में महिलाओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, परंतु यह अनुभव हर महिला के लिए अलग होता है। कुछ लक्षण महिलाओं में एक जैसे और एक जैसे समय पर होते हैं, और कुछ अलग समय पर। अनुभव चाहे जैसे भी हो पर इस स्थिति की अपनी एक खूबसूरती है और इसके परिणामस्वरूप महिलाओं में कई अच्छे परिवर्तन भी आते हैं।

शारीरिक तौर से वैसे तो इसमें महिलाओं को कमजोरी, उल्टी, सर चकराना, आदि का सामना करना पड़ता है, और मानसिक तौर पे भी यह स्थिति काफी चुनौती भरी होती है, परंतु अपने परिजनों, मित्र, और चिकित्सक के सहारे, इस स्थिति को आसान बनाया जा सकता है। इस स्थिति में खासतौर से चिकित्सक की सलाह लेते रहना अति आवश्यक है जिससे माँ और बच्चे की सेहत अच्छी बनी रहती है।

गर्भावस्था के लक्षण (Pregnancy Symptoms in Hindi)

Pregnancy Symptoms in Hindi - गर्भावस्था के लक्षण हर औरत में अलग हो सकते हैं और शुरुआती दिनों में लक्षणों का पता लगना भी हर औरत के लिए ज़रूरी नहीं। इस समय हर कुछ हफ्तों में शरीर में कुछ बदलाव होते हैं जिससे कुछ औरतों को ज्यादा और कुछ को कम तकलीफ होती है। यहाँ हम बात करेंगे गर्भावस्था के शुरुआती दिनों के लक्षण और लक्षणों का पता चलने के समय के बारे में।

पहले हफ्ते या महीने में गर्भावस्था के लक्षण (Early Pregnancy Symptoms in Hindi)

हर वक्त कमजोरी: ज़्यादातर समय कमजोरी और थका हुआ महसूस करना गर्भावस्था के सबसे शुरुआती लक्षणों में से एक है। यह अक्सर पहली तिमाही के दौरान होता है। ऐसे में एक गर्भवती पूरी नींद लेने के बावजूद भी थका हुआ महसूस करती है। शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस करना और पोषण की ज़रूरतें बदलना भी गर्भावस्था के लक्षण हैं।

Pregnancy Symptoms in Hindi

चिड़चिड़ा रहना: गर्भावस्था के दौरान होने वाले हार्मोनल इम्बैलेंस के कारण चिड़चिड़ापन होना एक आम लक्षण है।

  • शरीर अकड़ना: शरीर में अकड़न या ऐंठन महसूस करना भी गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में हो सकता है क्योंकि इस समय शरीर में खून का बहाव बढ़ जाता है।
  • बार-बार पेशाब आना: गर्भावस्था के शुरुआती या पहली तिमाही के दौरान जल्दी-जल्दी पेशाब करने की ज़रूरत भी महसूस होने लगती है क्योंकि इस दौरान शरीर में रक्त की कमी हो जाती है जिससे किडनी ज्यादा तरल पदार्थ बनाने लगती है।
  • खाने की लालसा या घृणा: यह अक्सर देखा जाता है कि गर्भावस्था के दौरान किसी विशेष प्रकार के खाने या उसकी सुगंध से घृणा महसूस होने लगती है और वहीं दूसरी तरफ, किसी विशेष प्रकार के खाने को बार-बार खाने की इच्छा होती रहती है।
  • स्पॉटिंग होना: स्पॉटिंग होना गर्भावस्था में होने का एक लक्षण है जो इसके तीसरे या चौथे सप्ताह में होता है और उसके बाद कुछ हफ्तों तक चल सकता है। हालांकि यह एक निश्चित रूप से नहीं बताता कि आप गर्भवती हैं।
  • स्तन कोमल होना या सूजना: गर्भावस्था में होने वाले हार्मोनल परिवर्तनों के कारण स्तन ज्यादा कोमल, और सूजे हुए हो जाते हैं।
  • मॉर्निंग सिकनेस: सुबह की बीमारी या मॉर्निंग सिकनेस गर्भावस्था के दो हफ्ते बाद ही शुरू हो जाता है और यह दिन के किसी भी वक्त हो जाता है। ऐसे में भूख कम लगती है और बार-बार उल्टी आती है।

गर्भावस्था के परीक्षण (Tests of Pregnancy)

गर्भावस्था का पता लगाने के परीक्षण:-

संदेह होने और लक्षणों का अनुभव होने पर आपको घर पर ही मूत्र परीक्षण करके देखना चाहिए। यह परीक्षण मासिक धर्म चूकने के एक हफ्ते बाद करना चाहिए ताकि आपको सही परिणाम पता चले। यदि आप इस परीक्षण को मासिक धर्म चूकने से पहले करती हैं तो परिणाम नकारात्मक आएगा।

इसके अतिरिक्त रक्त परीक्षण भी किया जा सकता है जो कि क्लिनिक में ही कराया जाता है और ओवुलेशन के 6 से 8 महीने बाद ही इसका सकारात्मक परिणाम पता चल सकता है। इस परीक्षण का परिणाम गर्भावस्था के शुरुआत में ही किया जा सकता है।

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गर्भावस्था के दौरान कौन से परीक्षण कराएं? (Tests during pregnancy)

गर्भावस्था में आप घरेलू परीक्षण, क्लिनिक में रक्त परीक्षण, और अल्ट्रासाउंड परीक्षण करवा सकती हैं। इनकी सूचना कुछ इस प्रकार है:

  • ब्लड टेस्टब्लड टेस्ट, गर्भावस्था के दौरान एक ज़रूरी टेस्ट है जो कि माँ और बच्चे की सेहत का पता लगाने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट में ब्लड ग्रुप, हीमोग्लोबिन, वायरस और बैक्टीरियल इंफेक्शन का पता लगाया जाता है।
  • अल्ट्रासाउंड स्क्रीनिंगबच्चे की विकास और माँ के पेट में स्थिति का पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड का टेस्ट किया जाता है।
  • एनएसटी (नॉन-स्ट्रेस टेस्टिंग) – माँ के पेट में शिशु के हृदय की स्थिति का पता लगाने के लिए नॉन-स्ट्रेस टेस्टिंग की जाती है।

गर्भावस्था के समय क्या सावधानियाँ हैं ज़रूरी? (Precautions during pregnancy)

गर्भावस्था के समय कई सावधानियाँ लेना ज़रूरी है, क्योंकि माँ का शरीर ऐसे समय में कई परेशानियों से गुजरता है और नाज़ुक होता है। यदि सावधानियाँ ना ली जाएँ तो माँ और बच्चे की सेहत पे गलत असर पड़ सकता है। सावधानियाँ कुछ इस प्रकार हैं:

  • सही पोषणखाने पीने का सही ध्यान रखना गर्भावस्था के दौरान बेहद ज़रूरी है। अपने खाने में पौष्टिक आहार जैसे कि सलाद, फल, सब्जी, स्प्राउट्स, आदि जैसे आहार को शामिल करना माँ और बच्चे की सेहत के लिए लाभदायक होता है।
  • चिकित्सक की सलाहसमय-समय पर चिकित्सक से बातचीत करते रहना और उनकी सलाह के हिसाब से अपनी सेहत का ख्याल रखना ज़रूरी है। उनकी बताई दवाइयाँ, टेस्ट्स, खाना पीना, आदि सही तरीके से होते रहना चाहिए।
  • व्यायाम और आरामखाने-पीने के साथ-साथ नियमित रूप से व्यायाम करना भी ज़रूरी है। यह माँ और बच्चे की सेहत के लिए काफी लाभदायक साबित होता है। इसके अतिरिक्त, सही समय के लिए रोज़ाना आराम करना भी गर्भवती महिला के लिए ज़रूरी है।
  • शराब और तंबाकू से परहेज़यह कहने की खास ज़रूरत नहीं कि शराब और तंबाकू होने वाले बच्चे के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकता है। तो कोशिश करें कि गर्भावस्था के समय ऐसे हानिकारक पदार्थों का सेवन ना करें।

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निष्कर्ष (Conclusion)

यदि आपका मासिक धर्म चूकता है तो यह गर्भवती होने का प्रमाण नहीं है। अगर आपको गर्भवती होने का कोई संदेह है तो आप ऊपर बताए गए परीक्षण कर सकती हैं जैसे घर पर मूत्र परीक्षण और क्लिनिक में रक्त परीक्षण। इन परीक्षणों को सही समय पे करना ही आवश्यक है जिससे कि इनका सकारात्मक परिणाम मिल सके। इसके अतिरिक्त, कई सावधानियाँ जैसे सही पोषण, डॉक्टर की सलाह, और व्यायाम आदि का करते रहना माँ और बच्चे की सेहत पे सकारात्मक असर डालता है।

Medically Reviewed By - Dr Priya Agarwal (Gynaecologist Specialist)