Thursday, November 21 ,2024

एसजीपीटी टेस्ट (SGPT Test in Hindi) क्या है और क्यों कराया जाता है।


SGPT Test in Hindi - SGPT को Serum Glutamic Pyruvic Transaminase टेस्ट कहते हैं। ये खून में मौजूद GPT के स्तर को मापने के लिए किया जाता है। GPT नामक एन्जाइम ह्रदय, किडनी, और मांसपेशियों में उत्पन्न होता है। ये टेस्ट अनेक प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का आंकलन करने के लिए किया जाता है, जैसे कि सिरोसिस, हेपेटाइटिस, आदि। लिवर से जुड़ी समस्याओं को समझने और उनका आंकलन करने के लिए ये टेस्ट किया जाता है।

इस टेस्ट को ALT यानी (Alanine Aminotransferase) के नाम से भी जाना जाता है। SGPT टेस्ट से लिवर से जुड़ी परेशानियों की असली वजह जानी जाती है और पहले से चल रहे किसी इलाज की वृद्धि और फायदे भी मापे जाते हैं।

SGPT टेस्ट क्या होता है? (What is SGPT Test in Hindi?)

SGPT Test in Hindi - Serum Glutamic Pyruvic Transaminase एक प्रकार का एन्जाइम होता है जो मनुष्य के लिवर में पाया जाता है। ये शरीर के मेटाबोलिज्म को नियंत्रित रखने में मदद करता है। लिवर की सेहत का सटीक आंकलन SGPT टेस्ट से ही किया जाता है। अगर लिवर में किसी प्रकार के रोग की संभावना है तो इस टेस्ट के जरिये उसका पता लगाया जा सकता है।

यदि इस टेस्ट में SGPT का स्तर सामान्य से कम या अधिक आता है तो लिवर संबंधी परेशानी होने की संभावना है। हालांकि इसके स्तर का ऊपर नीचे होना और भी चीजों पर निर्भर करता है, जैसे आनुवांशिक कारण, वर्तमान स्वास्थ्य, दिनचर्या, लाइफस्टाइल, आदि। लिवर से जुड़ी समस्याओं से दूर रहने के लिए जरूरी है कि ये टेस्ट हर कुछ समय पर कराएँ और अपनी दिनचर्या में पौष्टिक आहार, और व्यायाम जैसी चीजों को शामिल करें।

SGPT टेस्ट क्यों कराया जाता है? (Why is SGPT Test Done in Hindi?)

इस टेस्ट से लिवर रोगों या होने वाले रोगों का आंकलन किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त पहले से चल रहे इलाज और दवाइयों के असर का भी पता लगाया जा सकता है। जिन लोगों को लिवर संबंधी रोगों का ज्यादा खतरा है उन्हें ये टेस्ट कराते रहना चाहिए। इस टेस्ट को कराने के कारण कुछ इस प्रकार हैं:

  • लिवर डैमेज का पता लगाने के लिए।
  • ह्रदय रोग या उससे जुड़ी अन्य बीमारियों का पता लगाने के लिए।
  • मधुमेह के रोग का पता लगाने के लिए।
  • कुछ दवाइयां जैसे एस्पिरिन, एंटीबायोटिक्स, ओमेगा-3 के असर का पता लगाने के लिए।

SGPT का स्तर ऊँचा होने के क्या लक्षण होते हैं? (Causes of high SGPT Levels in Hindi)

SGPT का स्तर यदि जरूरत से ज्यादा ऊँचा हो जाए तो उससे निम्नलिखित परेशानियाँ हो सकती हैं:

  • बहुत ज्यादा थकान
  • पेट में दर्द
  • पीलिया
  • अचानक वजन बढ़ना या कम होना

किन कारणों से SGPT स्तर बढ़ता है?

SGPT स्तर के बढ़ने के कई कारण हैं, जैसे:

  • हेपेटाइटिस A, B & C
  • फैटी लिवर
  • मांसपेशियों में कोई चोट या परेशानी
  • ह्रदय संबंधी रोग
  • सिरोसिस
  • दवाइयां

SGPT टेस्ट कैसे होता है? (How SGPT Test is done?)

SGPT टेस्ट निम्नलिखित तरीके से किया जाता है:

  • सबसे पहले SGPT Test की बुकिंग की जाती है जो कि इंटरनेट के द्वारा घर बैठे हो सकती है।
  • इसके बाद आपकी चुनी गई तिथि और समय के अनुसार आपको फलेबोटोमिस्ट असाइन किया जाता है जो आपके घर आके आपका रक्त नमूना लेता है।
  • नमूना लेते समय वो सावधानियां बरतता है जैसे कि ग्लव्स, मास्क आदि पहनना, ताकि किसी इन्फेक्शन का खतरा हो।
  • रक्त नमूना लेने के लिए वो एक सुई का प्रयोग करता है जिसे आपकी हाथ की नस में घुसाके वो रक्त निकालता है और एक कंटेनर में जमा कर लेता है।
  • आपके इस रक्त नमूने को लैबोरेटरी में भेजा जाता है जहाँ इसकी गुणवत्ता जांची जाती है और फिर इसका लैब में मौजूद मेडिकल प्रोफेशनल्स द्वारा टेस्ट किया जाता है।
  • टेस्टिंग वहाँ मौजूद लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के द्वारा की जाती है जिससे आपका रिजल्ट सटीक आए और आपको टेस्ट का अधिक से अधिक लाभ हो पाए।
  • परीक्षण का परिणाम आपको ईमेल या कूरियर द्वारा कुछ दिनों में भेजा जाता है। इस परीक्षण के अनुसार आप अपने लिवर की स्थिति जान सकते हैं और एक चिकित्सक की मदद के अनुसार इलाज और दवाइयां करा सकते हैं।

SGPT टेस्ट में क्या मापा जाता है? (What is measured in SGPT Test in Hindi?)

  • SGPT खून में मौजूद ALT के स्तर को मापता है जिससे लिवर से जुड़ी किसी भी रोग या दिक्कत का पता किया जा सकता है।
  • ऊँचा SGPT स्तर ज़्यादातर शराब के सेवन से होने वाले फैटी लिवर का संकेत देता है।
  • हेपेटाइटिस जैसे लिवर रोग का भी SGPT के द्वारा पता लगाया जा सकता है। वायरल हेपेटाइटिस A, B और C लिवर को दिक्कत देता है और उसमें सूजन पैदा करता है। ऐसा होने से SGPT का स्तर काफी बढ़ जाता है।

SGPT को कम करने के घरेलू उपचार (Home remedies to reduce SGPT in Hindi?)

लिवर की सेहत ठीक रखने और SGPT के स्तर को नियंत्रित करने के लिए कुछ घरेलू उपचार इस प्रकार हैं:

नियंत्रित एवं पौष्टिक आहारस्वास्थ्य के लिए यह जरूरी है कि आप पौष्टिक भोजन का सेवन रोजाना करें जिसमें फल, सब्जी, फाइबर, प्रोटीन, आदि भरपूर रूप से शामिल हो। इससे आपका लिवर भी स्वस्थ रहेगा और बीमारियों से छुटकारा मिलेगा।

प्रतिदिन व्यायामपोषण के साथ-साथ व्यायाम भी उतना ही जरूरी है। प्रतिदिन व्यायाम आपकी मांसपेशियों, और हड्डियों को मजबूत रखता है, रक्त परिसंचरण करता है, और वजन को नियंत्रित रखता है।

हेपेटाइटिस वैक्सीनेशनलिवर से जुड़ी परेशानियों से दूर रहने के लिए जरूरी है कि आप समय पर हेपेटाइटिस A, B और C की वैक्सीनेशन लगवाएं।

शराब का परहेज़बहुत सी लिवर संबंधी बीमारियाँ शराब के सेवन से होती हैं। ज्यादा शराब पीना लिवर की स्थिति को खराब कर सकता है तो कोशिश करें कि शराब का सेवन कम से कम हो पाए।

नियमित जांचबाकी उपचारों के अलावा यह भी जरूरी है कि आप नियमित रूप से लिवर की जांच कराते रहें। ऐसा करने से आपको अपने लिवर की स्थिति का ज्ञान रहेगा और आप गंभीर बीमारियों के संकेत को समय पर जानके उनका इलाज कर पाएंगे।

निष्कर्ष (Conclusion)

SGPT (Serum Glutamate Pyruvate Transaminase) टेस्ट एक बेहद महत्वपूर्ण परीक्षण है जो आपके लिवर से जुड़ी परेशानियों का आंकलन आपको प्रदान करता है। लिवर शरीर का एक जरूरी अंग है जो खून को साफ रखता है और मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करता है। लाइफस्टाइल और दिनचर्या में कोई बाधा पाए, इसके लिए लिवर का सही होना जरूरी है। लिवर की सेहत खराब होने की वजह से आपको कई बीमारियाँ जैसे हेपेटाइटिस, फैटी लिवर, और लिवर इन्फ्लेमेशन का सामना करना पड़ सकता है। इन बीमारियों से कई शारीरिक लक्षण जैसे पेट दर्द, थकान, पीलिया, आदि उत्पन्न होते हैं।

SGPT टेस्ट से लिवर की मौजूदा स्थिति और किसी होने वाली बीमारी के संकेत का पता चल सकता है। टेस्ट परिणाम के मुताबिक आप किसी चिकित्सक के पास जाकर अपने लिवर की स्थिति को और बेहतर समझ सकते हैं और उनके बताए इलाज या दवाइयों का पालन कर सकते हैं। इसके अलावा आपको अपने लाइफस्टाइल में बदलाव करने की भी जरूरत पड़ेगी, जैसे पौष्टिक आहार खाना, ज्यादा तेल और मिर्च का परहेज, शराब का परहेज, प्रतिदिन व्यायाम, और नियमित जांच। इन उपचारों का नियमित तौर पर पालन करने से आप अपने लिवर की सेहत को ठीक रख सकेंगे और एक स्वस्थ जीवन जी पाएंगे।

Medically Reviewed By Dr. R K Aggarwal